Author: Aprajeeta Singh

आज अचानक ही उसने पूछ लिया, “हर वक़्त करती रहती हो, अपने शहर की बात, तुम्हारे शहर में ऐसा क्या है?” मैंने कहा –मेरी तो सुबह-शाम उस…

दौड़ती-भागती ज़िन्दगी, जिसमें एक ओर सुबह न उठने की इच्छा है, तो दूसरी ओर समय से ऑफिस पहुँचने की जल्दी भी। आजकल सुबह माँ के…

आज सुबह पढ़ा- “संघर्ष पिता से सीखो,बाकि सब कुछ दुनिया सिखा देगी।” मेरा मानना है- “संघर्ष ‘पिता’ बनी माँ का देखोदुनिया के हर रंग को…

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