रिश्ते बनाने में थोड़ा ही वक़्त लगता है जबकि रिश्ते निभाने में ज़िंदगी निकल जाती है। सोच कर देखिए कि आप किस हद तक अपने रिश्तों को संभाल पाने में कामयाब हैं और अगर कहीं नाकाम रहे तो उसका कारण क्या था? रिश्तों से दूर रहना या रिश्तों में एक दूरी का घर कर jan
प्रेम में स्वीकृति
क्या प्रेम के इज़हार में केवल इज़हार काफ़ी नहीं है? आखिर, इज़हार के साथ ये प्रश्न चिन्ह क्यों होता है? क्यों हर बार हम अपने इज़हार के साथ, सामने वाले व्यक्ति पर हामी या इनकार का बोझ डाल देते हैं?